मादाम भीकाजी कामा का जन्म 24 सितम्बर 1861 को बम्बई में एक पारसी परिवार में हुआ था. उनकी माता जी काफ़ी धार्मिक महिला थी. उनका जन्म संपन्न परिवार में हुआ था, इसलिए उन्हें बचपन में अच्छा वातावरण प्राप्त हुआ. वह बचपन से पढ़ने-लिखने में तेज़ थी. उन्होंने काफी कम समय में अंग्रेजी में अच्छी योग्यता प्राप्त की. उन्होंने अलेक्जेंडर नेटिव गर्ल्स इंग्लिश इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की थी.
भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में न सिर्फ पुरुषों ने अंग्रेज़ो के खिलाफ जंग लड़ी, बल्कि महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ के अपना योगदान दिया था. इन्ही महिलाओं में मौजूद थी ‘कस्तूरबा गांधी’ जो ‘बा’ के नाम से विख्यात है. और वह मोहनदास करमचंद गांधी यानि पूजनीय महात्मा गांधी की धर्मपत्नी थी.
मौलाना अबुल कलाम आजाद एक महान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी थे. वे कवि, लेखक और पत्रकार भी थे. इनका असली नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन था. धर्म के एक संकीर्ण दृष्टिकोण से मुक्ति पाने के उद्देश्य से उन्होंने अपना उपनाम “आजाद” कर लिया था.
भूलाभाई देसाई का जन्म 13 अक्टूबर 1877 को गुजरात के वलसाड़ में हुआ था. उनके पिता एक सरकारी वकील थे. शुरुआत में उन्होंने अपने मामा से पढाई की. उसके बाद उन्होंने वलसाड़ के अवाबाई स्कूल और फिर बॉम्बे के भरदा हाई स्कूल से शिक्षा प्राप्त की.
राम सिंह कूका का जन्म 1816 ई॰ में वसंत पंचमी पर लुधियाना के भैणी ग्राम में हुआ था. राम सिंह जी खेती बाड़ी कर अपना गुजारा करते थे. वे बड़े ही आध्यात्म प्रवृत्ति के व्यक्ति थे. वे अपने घर में ही प्रवचनों का आयोजन करते थे और लोग वे सुनने जाया करते थे.
आचार्य कृपलानी का जन्म हैदराबाद में एक उच्च मध्यवर्गीय परिवार में 11 नवम्बर, 1888 को हुआ. उनका वास्तविक नाम जीवटराम भगवानदास कृपलानी था. आठ भाई बहनों में वे अपनी माता पिता की छठवीं संतान थे.
कोमराम भीम का जन्म 22 अक्टूबर1901 को वर्तमान तेलंगाना राज्य के संकेपल्ली गाँव के गोंड आदिवासी परिवार में हुआ था. उन्होंने बचपन से ही अंग्रेज़ो और निज़ामों को उनके समाज के लोगों पर जुल्म करते देखा था.
अरविन्द घोष का जन्म 15 अगस्त 1872 को, कलकत्ता, भारत में हुआ. उनके पिता का नाम कृष्ण धनु घोष था, जो एक डॉक्टर थे और उनकी माता स्वर्णलता देवी थी, जो एक धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी. आपको बता दें, उनके पताजी भारतीय संस्कृति के चहक नहीं थे, वे ईसाई धर्म को प्रार्थमिकता देते थे. इस वजह से उन्होंने अपने बच्चों का दाखिला अंग्रेजी स्कूल में कराया था.
स्वतंत्रता संग्राम में सीताराम जी की महत्वपूर्ण भागीदारी रही थी. उनके बलिदान और गौरव की गाथा आने वाली पीढ़ी को बताने के लिए सीताराम बलिदान दिवस मनाया जाता है. अंग्रेजों और उनके सहयोगी राजाओं के लिए वीर सीताराम जी दुश्मन थे.
राजेंद्र लाहिड़ी का जन्म 23 जून, 1901 को बंगाल के पाबना ज़िले के भड़गा नामक गाँव में हुआ. इनके पिता का नाम क्षिति मोहन शर्मा और माँ का नाम बसंत कुमारी था. उनके जन्म के समय उनके पिता बंगाल में चल रही अनुशीलन दल की गुप्त गतिविधियों में योगदान देने के आरोप में कारावास में कैद थे.
लाला हरदयाल का जन्म 14 अक्टूबर 1884 को दिल्ली के पंजाबी परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम गौरी दयाल माथुर था, जो एक जिला अदालत में पाठक के रूप में कार्यरत थे. उनकी माता का नाम भोली रानी था. वह अपने माता-पिता की छठी संतान थे.