Contents
- 1 राम मनोहर लोहिया का जीवन परिचय | Ram Manohar Lohiya Biography, History, Birth, Education, Life, Death, Role in Independence in Hindi
- 2 Table of contents
- 3 प्रारम्भिक जीवन | Ram Manohar Lohiya Early Life
- 4 योगदान | RamManohar Lohiya Contribution
- 5 रचनाएँ | Ram Manohar Lohiya Literature
- 6 Join us on Telegram
राम मनोहर लोहिया का जीवन परिचय | Ram Manohar Lohiya Biography, History, Birth, Education, Life, Death, Role in Independence in Hindi
राम मनोहर लोहिया एक भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी, प्रखर चिन्तक तथा समाजवादी राजनेता थे. आज़ादी की जंग में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. राजनीति में भी इन्होंने उत्कृष्ट कार्य किया है. इस लेख के माध्यम से राम मनोहर लोहिया जी के व्यक्तिगत जीवन, शिक्षा, तथा उनके योगदान की सम्पूर्ण जानकारी जानेंगे.
Table of contents
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम | राम मनोहर लोहिया |
जन्मतिथि | 23 मार्च 1910 |
जन्मस्थान | अकबरपुर, उत्तर प्रदेश |
पिता | हीरालाल |
माता | चंदा देवी |
धर्म | हिंदू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
“जाति अवसरों को बाधित करती है और अवसर न मिले तो हमारी योग्यता भी कुंठित हो जाती है और यही कुंठित अवस्था हमारे आने वाले अवसरों को भी बाधित कर देती है”.
— By Ram Manohar Lohia
प्रारम्भिक जीवन | Ram Manohar Lohiya Early Life
राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च, 1910 को उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था. उनके पिताजी का नाम हीरालाल तथा माता जी का नाम चंदा देवी था. उनके पिताजी हीरालाल पेशे से अध्यापक व हृदय से सच्चे राष्ट्रभक्त थे. उनकी माँ पेशे से शिक्षिका थी. लोहिया के बहुत ही कम उम्र में उनकी माँ का निधन हो गया. माँ के गुजार जाने के बाद उनका पालन पोषण उनकी दादी ने किया.
1918 में वे अपने पिता के साथ बॉम्बे चले गए जहाँ उन्होंने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पूरी की. मेट्रिक की परीक्षा प्रथम स्थान से पास कर उन्होंने इंटरमीडिएट करने केलिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. उन्होंने फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय के तहत विद्यासागर कॉलेज में दाखिला लिया और बी.ए की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने फ्रेडरिक विलियम विश्वविद्यालय, जो ब्रिटेन के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक था. अपने शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर स्कालरशिप भी हासिल की, इससे उन्हें वित्तीय सहायता प्राप्त हुई. उन्होंने भारत में नमक कराधान के विषय पर पी.एच.डी की.
योगदान | RamManohar Lohiya Contribution
1918 में लोहिया अपने पिताजी के साथ अहमदाबाद कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार शामिल हुए थे. 12 मार्च 1930 को गांधी जी ने दाण्डी यात्रा प्रारंभ की, जिसमें लोहिया जी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और नमक क़ानून तोड़ने के जुल्म में सजा भी भुगतनी पड़ी. इन्होने लाहौर में भगत सिंह को फांसी दिए जाने के विरोध में लीग ऑफ नेशन्स की बैठक में बर्लिन में पहुंचकर सीटी बजाकर विरोध प्रकट किया.
लोहिया कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक और इसके मुखपत्र कांग्रेस सोशलिस्ट के संपादक थे. 1936 में उन्हें जवाहरलाल नेहरू द्वारा कांग्रेस पार्टी के सर्वोच्च निकाय, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के विदेश विभाग के सचिव के रूप में चुना गया था.
1940 में, उन्हें युद्ध-विरोधी भाषण देने के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. जब 1942 में गांधीजी सहित अन्य कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, इस समय लोहिया ने भूमिगत रहकर ‘भारत छोड़ो आंदोलन” को पूरे देश में फैलाया था. 1944 में उन्हें लाहौर के किले में कैद किया गया था. 1946 में वे रिहा हुए थे. 1952 में किसान मजदूर पार्टी के साथ मिलकर प्रजा सोशल पार्टी बनाने के लिए सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य बने रहे. लोहिया ने उत्तर प्रदेश में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
रचनाएँ | Ram Manohar Lohiya Literature
डॉ. राम मनोहर लोहिया राजनेता के साथ साथ उत्कृष्ट लेखक भी थे. उनकी निम्नलिखित रचनाएँ है –
- अंग्रेजी हटाओ
- इतिहास चक्र
- देश, विदेश नीति-कुछ पहलू
- धर्म पर एक दृष्टि
- भारतीय शिल्प
- भारत विभाजन के गुनहगार
- मार्क्सवाद और समाजवाद
- राग, जिम्मेदारी की भावना, अनुपात की समझ
- समलक्ष्य, समबोध
- समदृष्टि
- सच, कर्म, प्रतिकार और चरित्र निर्माण आह्वान
- समाजवादी चिंतन
- संसदीय आचरण
- संपूर्ण और संभव बराबरी और दूसरे भाषण
- हिंदू बनाम हिंदू
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