अनमोल वचन स्वामी विवेकानंद के विचार | Swami Vivekananda Thoughts in Hindi

4.4/5 - (9 votes)

“स्वामी विवेकानंद के दर्शन को समझना”

स्वामी विवेकानंद एक प्रसिद्ध भारतीय व्यक्ति थे जिन्होंने समाज पर स्थायी प्रभाव छोड़ा। वह एक आध्यात्मिक शिक्षक, एक धार्मिक विद्वान, एक समाज सुधारक और न्याय और पारंपरिक मूल्यों की वकालत करने वाले नेता थे।

विवेकानंद ने अपना जीवन भारतीय समाज के मुद्दों और दर्द को संबोधित करने और धर्म के सच्चे सार की वकालत करने में बिताया। वह सभी धर्मों की एकता और इस विचार में विश्वास करते थे कि सभी धर्म एक ही परम सत्य की ओर ले जाते हैं। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को आध्यात्मिकता के लिए अपना रास्ता खोजने और अपनी मुक्ति और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में काम करने की वकालत की।

विवेकानंद शिक्षा की शक्ति और समाज को आकार देने में इसकी भूमिका में भी विश्वास करते थे। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो, न कि केवल कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के लिए, और यह व्यक्ति और समाज की जरूरतों के लिए व्यावहारिक और प्रासंगिक हो।

इसके अलावा, विवेकानंद व्यक्ति की शक्ति में दृढ़ विश्वास रखते थे। उनका मानना था कि हर व्यक्ति में बदलाव लाने और दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। उन्होंने लोगों को आत्मनिर्भर बनने, कड़ी मेहनत करने और दूसरों की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि वे सभी के लिए एक बेहतर समाज और दुनिया बना सकें।

अंत में, स्वामी विवेकानंद का दर्शन व्यक्तियों को अधिक पूर्ण और सार्थक जीवन के लिए प्रेरित और मार्गदर्शन करना जारी रखता है। उनकी शिक्षाएं दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आत्म-खोज, कड़ी मेहनत, दूसरों की सेवा और व्यक्ति की शक्ति के महत्व पर जोर देती हैं।

उठो, जागो और तब तक रुको नही जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये ।

जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो- उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो | दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान ‘ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो वे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही है।

तुम अपनी अंतःस्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।

ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्धि कर सकता है। सभी जीवंत ईश्वर हैं – इस भाव से सब को देखो। मनुष्य का अध्ययन करो, मनुष्य ही जीवन्त काव्य है। जगत में जितने ईसा या बुद्ध हुए हैं, सभी हमारी ज्योति से ज्योतिष्मान हैं। इस ज्योति को छोड़ देने पर ये सब हमारे लिए और अधिक जीवित नहीं रह सकेंगे, मर जाएंगे। तुम अपनी आत्मा के ऊपर स्थिर रहो ।

ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।

जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पड़ेगा। वह जिस युग जन्मा है, उससे उसे बहुत आगे जाना पड़ेगा, किन्तु साधारण लोग किसी तरह रेंगते रेंगते ही आगे बढ़ सकते हैं।

मानव देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है, एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं निश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।

आध्यात्मिक दृष्टि से विकसित हो चुकने पर धर्मसंघ में बना रहना अवांछनीय है। उससे बाहर निकलकर स्वाधीनता की मुक्त वायु में जीवन व्यतीत करो।

हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है, उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है, और उतनी ही हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती है।

पहले स्वयं संपूर्ण मुक्तावस्था प्राप्त कर लो, उसके बाद इच्छा करने पर फिर अपने को सीमाबद्ध कर सकते हो। प्रत्येक कार्य में अपनी समस्त शक्ति का प्रयोग करो।

किसी बात से तुम उत्साहहीन न होओ; जब तक ईश्वर की कृपा हमारे ऊपर है, कौन इस पृथ्वी पर हमारी उपेक्षा कर सकता है? यदि तुम अपनी अन्तिम साँस भी ले रहे हो तो भी न डरना । सिंह की शूरता और पुष्प की कोमलता के साथ काम करते रहो ।

लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्मी तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहान्त आज हो या एक युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।

शक्तिमान, उठो तथा सामर्थ्यशाली बनो। कर्म, निरन्तर कर्म; संघर्ष, निरन्तर संघर्ष ! अलमिति । पवित्र और निःस्वार्थी बनने की कोशिश करो सारा धर्म इसी में है।

शत्रु को पराजित करने के लिए ढाल तथा तलवार की आवश्यकता होती है। इसलिए अंग्रेज़ी और संस्कृत का अध्ययन मन लगाकर करो।

About Author

https://jivanisangrah.com/

Jivani Sangrah

Explore JivaniSangrah.com for a rich collection of well-researched essays and biographies. Whether you're a student seeking inspiration or someone who loves stories about notable individuals, our site offers something for everyone. Dive into our content to enhance your knowledge of history, literature, science, and more.

1 thought on “अनमोल वचन स्वामी विवेकानंद के विचार | Swami Vivekananda Thoughts in Hindi”

Leave a Comment