हरिवंश राय बच्चन 20वीं सदी में भारत के महानतम कवियों में से एक थे, जिन्हें विशेष रूप से उनकी हिंदी कविता के लिए जाना जाता है। 1935 में प्रकाशित उनकी लंबी गीतात्मक कविता “मधुशाला” (द हाउस ऑफ वाइन) ने प्रशंसकों के बीच उनकी लोकप्रियता में काफी वृद्धि की। उनकी भावनात्मक रूप से गूंजती कविता शैली आज भी सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। डॉ. हरिवंश राय बच्चन ने हिंदी साहित्य में अविस्मरणीय योगदान दिया, तो आइए इस कुशल साहित्यकार के जीवन के बारे में विस्तार से जानें।
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जन्म । Birth
हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर, 1907 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बाबूपट्टी गांव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और माता का नाम सरस्वती देवी था। बचपन में, उनके माता-पिता उन्हें प्यार से “बच्चन” कहकर बुलाते थे, जिसका हिंदी में अर्थ “बच्चा” होता है, जो संतान प्राप्ति के प्रति उनकी आशा को दर्शाता है। बच्चन ने अपना प्रारंभिक जीवन अपने गाँव बाबूपट्टी में बिताया।
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | डॉ. हरिवंश राय बच्चन |
जन्म (Date of Birth) | 27 नवम्बर 1907 |
आयु | 95 वर्ष(मृत्यु तक) |
जन्म स्थान (Birth Place) | गाँव बापूपट्टी, जिला प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश |
पिता का नाम (Father Name) | प्रताप नारायण श्रीवास्तव |
माता का नाम (Mother Name) | सरस्वती देवी |
पत्नी का नाम (Wife Name) | श्यामा देवी(पहली पत्नी), तेजी बच्चन(दूसरी पत्नी) |
पेशा (Occupation ) | लेखक, कवि, साहित्यकार |
शैली | हिंदी, छायावाद |
बच्चे (Children) | अमिताभ बच्चन, अजीताभ बच्चन |
मृत्यु (Death) | 18 जनवरी सन् 2003 |
मृत्यु स्थान (Death Place) | मुंबई |
अवार्ड (Award) | पद्मभूषण, साहित्य अकादमी आदि |
प्रारंभिक शिक्षा । Education
बच्चन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने जिले के प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की, उसके बाद उर्दू की शिक्षा कायस्थ पाठशाला से प्राप्त की, जो उनके परिवार में एक परंपरा थी। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (जिसे अब प्रयागराज विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है) से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि डब्ल्यू.बी. की कविताओं पर शोध किया। येट्स ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड से अपनी पीएच.डी. पूरी की।
व्यक्तिगत जीवन । Personal Life
1926 में हरिवंश राय बच्चन ने श्यामा देवी से शादी की। दुर्भाग्य से, उनका मिलन अल्पकालिक था, क्योंकि पांच साल बाद श्यामा देवी का तपेदिक के कारण निधन हो गया, जिससे बच्चन विधुर हो गए। उनके निधन के बाद, उन्होंने गायन की शौकीन पंजाबी महिला तेजी बच्चन से शादी की। इस शादी से उन्हें दो बेटे अजिताभ और अमिताभ बच्चन मिले, जो बाद में एक प्रसिद्ध अभिनेता बने। तेजी बच्चन के गांधी परिवार, विशेषकर इंदिरा गांधी के साथ घनिष्ठ संबंध थे।
हरिवंश राय बच्चन का कार्यक्षेत्र | Harivansh Rai Bachchan Occupation
1955 में इंग्लैंड से लौटने पर हरिवंश राय बच्चन ने ऑल इंडिया रेडियो के साथ काम करना शुरू किया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की सरकार के दौरान हिंदी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने में सक्रिय योगदान दिया। उन्हें भारत सरकार द्वारा विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था। लेखन के प्रति बच्चन का प्रेम जीवन भर स्पष्ट रहा। उन्होंने फ़ारसी कवि उमर खय्याम की कविताओं का हिंदी में अनुवाद किया, जिससे युवाओं में लोकप्रियता हासिल हुई। उन्हें एक कवि के रूप में जाना जाता है, उनकी रचना “मधुशाला” सबसे अधिक प्रसिद्ध है। 1966 में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया।
हरिवंश राय बच्चन की कृतियाँ । Harivansh Rai Bachchan Literature
हरिवंश राय बच्चन की साहित्यिक रचनाएँ आत्मनिरीक्षण, निराशा और भावना के विषयों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। उनके उल्लेखनीय काव्य संग्रहों में “निशा निमंत्रण,” “मिलन यामिनी,” और “धार के इधर उधर” शामिल हैं। कविता के अलावा, उनकी गद्य रचनाएँ जैसे “क्या भूलूँ क्या याद करूँ” और “टूटी छूटी कढ़ियाँ” भी अत्यधिक मानी जाती हैं।
काव्य संग्रह (Poetry Collections):
कृति (Work) |
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आकुल अंतर (1943) |
आत्म परिचय (1937) |
आरती और अंगारे (1958) |
उभरते प्रतिमानों के रूप (1969) |
एकांत संगीत (1939) |
कटती प्रतिमाओं की आवाज़ (1968) |
खादी के फूल (1948) |
चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962) |
जाल समेटा (1973) |
तेरा हार (1929) |
त्रिभंगिमा (1961) |
दो चट्टानें (1965) |
धार के इधर-उधर (1957) |
निशा निमंत्रण (1938) |
प्रणय पत्रिका (1955) |
बंगाल का काल (1946) |
बहुत दिन बीते (1967) |
बुद्ध और नाचघर (1958) |
मधुकलश (1937) |
मधुबाला (1936) |
मधुशाला (1935) |
मिलन यामिनी (1950) |
सतरंगिनी (1945) |
सूत की माला (1948) |
हलाहल (1946) |
आत्मकथा (Autobiography):
कृति (Work) |
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क्या भूलूँ क्या याद करूँ (1969) |
नीड़ का निर्माण फिर (1970) |
बसेरे से दूर (1977) |
दशद्वार से सोपान तक (1985) |
प्रवास की डायरी। |
अन्य रचनाएं (Other Works):
कृति (Work) |
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अभिनव सोपान (1964) |
आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि: सुमित्रानंदन पंत (1960) |
आधुनिक कवि (1961) |
उमर खय्याम की रुबाइयाँ (1959) |
ओथेलो (1959) |
कवियों में सौम्य संत: पंत (1960) |
किंग लियर (1972) |
खय्याम की मधुशाला (1938) |
चौंसठ रूसी कविताएँ (1964) |
जनगीता (1958) |
टूटी छूटी कड़ियाँ (1973) |
डब्लू बी यीट्स एंड अकल्टिज़म (1968) |
नये पुराने झरोखे (1962) |
नागर गीता (1966) |
नेहरू: राजनैतिक जीवनचरित (1961) |
पंत के सौ पत्र (1970) |
प्रवास की डायरी (1971) |
बच्चन के लोकप्रिय गीत (1967) |
बच्चन के साथ क्षण भर (1934) |
भाषा अपनी भाव पराये (1970) |
मरकत द्वीप का स्वर (1968) |
मैकबेथ (1957) |
सोपान (1953) |
हैमलेट (1969) |