अल्लुरी सीताराम राजू का जीवन परिचय | Alluri Sitarama Raju | History, Birth, Education, Life, Death, Role in Independence in Hindi
Contents
प्रारम्भिक जीवन | Alluri Sitarama Raju Early Life
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम | अल्लूरी सीताराम राजू |
उपनाम | अल्लूरी रम्पा रामा राजू |
जन्मतिथि | 04 जुलाई 1897 |
जन्मस्थान | विशाखापट्टनम, आन्ध्र प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
Alluri Sitarama Raju Early Life
अल्लूरी सीताराम राजू का जन्म 4 जुलाई 1897 को विशाखापट्टणम के पांड्रिक गांव में एक क्षत्रिय परिवार में हुआ। उनके पिता अल्लूरी वेंकट रामराजू एक फोटोग्राफर थे, जो उन्हें बचपन से ही देशभक्ति और अंग्रेज़ों के विरुद्ध संघर्ष की भावना दिलाते रहे। उन्होंने उनसे कहा कि, “अंग्रेज़ों ने हमें ग़ुलाम बनाकर हमारे देश की संपत्ति को लूट लिया है”. यह बात अल्लूरी सीताराम राजू को बहुत प्रभावित करती थी. उनके पिता का गांव गोदावरी के माग्गूल में था।
अल्लूरी सीताराम राजू ने अपनी पढ़ाई टेलर हाई स्कूल और मिशन हाई स्कूल में की। उन्होंने अपनी रुचि के अनुसार वैद्यक और ज्योतिष का भी ज्ञान हासिल किया। यह ज्ञान उन्हें बाद में अपने कार्य में काम आया। उनका पालन-पोषण उनके चाचा अल्लूरी रामकृष्ण ने किया, जो उन्हें अपना बेटा मानते थे।
योगदान | Alluri Sitarama Raju Contribution
अल्लूरी सीताराम राजू एक भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अंग्रेज़ों के शासन के खिलाफ शस्त्रधारी विद्रोह चलाया। उन्हें जंगल के वीर के नाम से जाना जाता था। उनके साथी बीरैयादौरा भी एक आदिवासी नेता थे, जिन्होंने अपने लोगों को अंग्रेज़ों के अत्याचार से बचाने के लिए संघर्ष किया। 1918 में अंग्रेज़ों ने उन्हें पकड़ लिया,
लेकिन वह जेल से फरार हो गए। राजू ने उन्हें अपने संगठन में शामिल किया और उन्हें शस्त्र और अन्य सामग्री प्रदान की। राजू और बीरैयादौरा ने अंग्रेज़ों के खिलाफ गुफाओं और जंगलों में छापे मारे और उनके पुलिस स्टेशनों को लूटा।
उन्होंने अंग्रेज़ों को चुनौती देते हुए अपने नाम के साथ नोट छोड़े। एक बार तो राजू ने अंग्रेज़ों को यह भी लिखकर भेजा कि “मैं बीरैया को जेल से छुड़ाने आ रहा हूं, अगर हिम्मत है तो रोको”। और वह ऐसा भी कर दिया।
महात्मा गांधी जी ने अल्लूरी सीताराम राजू की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था –
“उस वीरात्मा का त्यागबलिदान, मुसीबतों भरा जीवन, सच्चाई, सेवाभावना, लगन, निष्ठा और अदम्य हिम्मत हमारे लिए प्रेरणाप्रद है”.
निधन | Alluri Sitarama Raju
अल्लूरी सीताराम राजू का निधन 7 मई 1924 को कोय्युरु में हुआ। अंग्रेज़ों ने उन्हें चिंटपल्ले के जंगलों में घेर लिया और एक पेड़ से बांधकर गोली मार दी। उनकी याद में उनके गांव में उनकी प्रतिमा लगाई गई है।