प्रियंका गांधी वाड्रा का जीवन परिचय | Priyanka Gandhi Vadra Biography in Hindi

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प्रियंका गांधी वाड्रा का जीवन परिचय (Priyanka Gandhi Vadra Biography in Hindi), Priyanka Gandhi Husband

भारत के प्रसिद्ध गांधी – नेहरु परिवार के बारे में तो सब जानते होंगे. यह परिवार सक्रिय रूप से भारतीय राजनीति से संबंध रखता है. इस परिवार की पांचवीं पीढ़ी की एक सदस्य हैं प्रियंका गांधी, जोकि भारतीय राजनीतिज्ञ भी हैं. प्रियंका पेशे से तो राजनीतिज्ञ हैं, लेकिन अब तक वे सक्रिय रूप से राजनीति में शामिल नहीं थी. इस साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसमें सभी पार्टी जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. इसके चलते कांग्रेस पार्टी द्वारा भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रियंका गांधी जी को जनरल सेकेटरी बनाने का निर्णय लिया गया है. इससे अब वे पूर्ण रूप से राजनीति में शामिल हो गई हैं. प्रियंका गांधी जी के जीवन के अब तक के सफर को इस लेख के माध्यम से जानें.

प्रियंका गांधी वाड्रा का जीवन परिचय

पूरा नाम (Full Name) प्रियंका गांधी वाड्रा
निक नाम (Nickname) प्रियंका
पेशा (Profession) भारतीय राजनीतिज्ञ
राजनीतिक पार्टी (Political Party) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
जन्मतिथि (Date of Birth) 12 जनवरी, 1972
जन्मस्थान (Birth Place) दिल्ली, भारत
राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय
गृहनगर (Hometown) दिल्ली, भारत
धर्म (Religion) हिन्दू
प्रसिद्धि (Famous As) राजनीतिज्ञ एवं राजीव गांधी जी की बेटी के रूप में
नेट वर्थ (Net Worth) 2.1 बिलियन डॉलर
वैवाहिक स्थिति (Merital Status) विवाहित
शादी की तारीख (Marriage Date) 18 फरवरी सन 1997

परिवार की जानकारी (Family Detail)

पिता का नाम (Father’s Name) राजीव गांधी
माता का नाम (Mother’s Name) सोनिया गांधी
दादाजी का नाम (Grandfather’s Name) फिरोज गांधी
दादीजी का नाम (Grandmother’s Name) इंदिरा गांधी
भाई का नाम (Brother’s Name) राहुल गांधी
पर नाना का नाम (Great – Grandfather’s Name) पंडित जवाहरलाल नेहरु
चाचा का नाम (Uncle’s Name) संजय गांधी
चाची का नाम (Aunty’s Name) मेनिका गांधी
पति का नाम (Husband’s Name) रोबर्ट वाड्रा
बेटे का नाम (Son’s Name) रेहान वाड्रा
बेटी का नाम (Daughter’s Name) मिराया वाड्रा

परिवारिक पृष्ठभूमि (Family Background)

प्रियंका गांधी का जन्म नई दिल्ली में हुआ था, प्रियंका के पिता नेहरु – गांधी परिवार के वंशज हैं, और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं. इनकी माता सोनिया गांधी एक इटालियन मूल की भारतीय महिला हैं, जोकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुकी हैं. उनकी दादी यानि इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थी. इसके साथ ही प्रियंका गांधी जी के पर नाना जवाहरलाल नेहरु जी स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री चुने गये थे. उनके बड़े भाई राहुल गांधी सन 2017 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए हैं. इस तरह से इनका पूरा परिवार राजनीति से सम्बंधित है.

शिक्षा (Education)

प्रियंका गांधी ने अपनी स्कूल की पढ़ाई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल एवं कान्वेंट ऑफ जीसस एवं मैरी स्कूल से पूरी की. इन्होने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के जीसस एवं मैरी कॉलेज से साइकोलॉजी में पूरा किया है. साइकोलॉजी में डिग्री हासिल करने के बाद प्रियंका ने सन 2010 में बुद्धिस्ट स्टडीज में अपना एमए पूरा किया था.

प्रियंका गाँधी जी की राजनीतिक सोच (Priyanka Gandhi’s Political Thought)

प्रियंका गांधी राजनीतिक परिवार से संबंध रखने के बावजूद भी राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखती थी. प्रियंका अपने लिए सीट हासिल करने से ज्यादा लोगों की सेवा करने में विश्वास रखती हैं. उनका मानना है कि देश के नागरिकों की सेवा करने के लिए राजनीति में शामिल होना जरुरी नहीं है, वह यह काम बिना राजनीति के भी कर सकती हैं. हालाँकि कांग्रेस पार्टी में उनके द्वारा दिए गये योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता हैं. प्रियंका भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का भले ही चेहरा न हो, लेकिन वे इसके पीछे जरुर हैं. पार्टी में उनकी भूमिका भले ही स्पष्ट न हो लेकिन पार्टी के पूरे प्रदर्शन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहता है.

करियर (Career)

प्रियंका जब 16 – 17 साल की थी, तब उन्होंने अपना पहला सार्वजानिक भाषण दिया था. तब से वे कई राजनीतिक जुलूसों, रैलियों और सम्मेलनों का हिस्सा रही हैं. बहुत कम उम्र से ही वे नियमित रूप से अपनी माँ और भाई के विधानसभा क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी का दौरा करती रही है. वहाँ वे लोगों के बीच जाकर उनसे सीधे बात किया करती थी, इसलिए प्रियंका निर्वाचन क्षेत्र में एक लोकप्रिय व्यक्तित्व हैं. वे जहाँ भी जाती है, लाखों की भीड़ इकट्ठा करती हैं. हर चुनाव में अमेठी में उनके लिए एक लोकप्रिय नारा रहता है ‘अमेठी का डंका, बिटिया प्रियंका’, जोकि प्रियंका को चुनाव में खड़े करने के लिए स्पष्ट रूप से आह्वान के रूप में रहता है.

सन 2003 – 04 के चुनाव से पहले प्रियंका गांधी जी की माँ कांग्रेस की अध्यक्ष बनी और उन्होंने इस पद पर कार्य करते हुए सन 2004 के चुनाव में जीत हासिल की. उस दौरान प्रियंका ने पार्टी की छवि में पूरी तरह से बदलाव कर दिया था, यह जीत उसी बदलाव का नतीजा थी. प्रियंका गांधी ने इस चुनाव में अपनी माँ के लिए अभियान में शामिल हुई और इसमें उन्होंने मेनेजर के रूप में कार्य किया. इस चुनाव के दौरान राहुल गांधी अमेठी के निर्वाचन क्षेत्र के लिए लड़ रहे थे, उस अभियान में प्रियंका ने उनकी भी मदद की थी. सन 2004 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद, प्रियंका पार्टी में आगे बढ़ती गई. हालाँकि प्रियंका ने एक उम्मीदवार के रूप में या प्रचारक के रूप में कांग्रेस पार्टी की चुनाव में जीत के लिए कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाई थी. लेकिन वे राजनीति में कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रूप से शामिल थी. पार्टी को उनका पूरा समर्थन रहता था.सन 2007 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में जब राहुल गांधी अपने राज्यव्यापी अभियान में व्यस्त थे, तब प्रियंका ने अमेठी, रायबरेली क्षेत्र की दस सीटों के लिए अपना ध्यान केन्द्रित किया. वहां प्रियंका ने 2 सप्ताह बिताये. उस समय पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच सीट आवंटन को लेकर आपसी मतभेद चल रहा था. तब प्रियंका ने ही इस मदभेद को शांत कर उसे दबाने की कोशिश की थी..

इसके दो साल बाद सन 2009 में फिर से आम चुनाव हुए. इस दौरान प्रियंका ने अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्रों अमेठी और रायबरेली में कई रैलियां की, यहाँ तक कि वे लोगों के बीच जाकर बड़े स्तर पर चुनाव – प्रचार करती भी नजर आई थी. इस तरह से उन्होंने अपने भाई एवं माता दोनों के लिए जीत हासिल करने में मदद की थी. फिर सन 2014 के आम चुनावों में प्रियंका ने इन्हीं दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में फिर से काफी मेहनत की थी, लेकिन इस साल वे पार्टी को जीत नहीं दिला सकीं थी.

ताजा जानकारी (Latest Update)

हाल ही में यानी 23 जनवरी 2019 को प्रियंका गांधी जी पूरी तरह से राजनीति में शामिल हो गई है. दरअसल प्रियंका गांधी जी को पार्टी में शामिल करने के लिए पार्टी के अन्य नेता काफी समय से पार्टी के अध्यक्ष से मांग कर रहे थे. पर प्रियंका ने कभी भी इसमें शामिल होने की इच्छा नहीं जताई. वे हमेशा अपनी माँ और भाई के साथ खड़ी रही है और वे चुनावों के दौरान उन्हें अक्सर पीछे से समर्थन दिया करती थी. किन्तु अब इस साल के आम चुनावों में राहुल गाँधी जी के कहने पर वे राजनीति में शामिल होने के लिए मान गई है. जिसके चलते उन्हें कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष यानि राहुल गांधी जी द्वारा ही पार्टी का महासचिव बना दिया गया है. इसके अलावा उन्हें इस साल के आम चुनावों के लिए पूर्वी उत्तरप्रदेश जोकि, सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य हैं वहां कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए भी जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रियंका गांधी जी के राजनीति में शामिल होने पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं का यह कहना है, कि प्रियंका गांधी उनका तुरुप का इक्का हैं, जोकि उन्होंने आम चुनाव के लिए चल दिया है.

व्यक्तिगत जानकारी (Personal Details)

प्रियंका गांधी जब किशोरावस्था में थी, तब उन्होंने रोबर्ट वाड्रा से दोस्ती की थी. रोबर्ट की बहन मिशेल एवं प्रियंका एक ही कक्षा में थीं. जैसे – जैसे उन्होंने एक – दूसरे के साथ समय बिताया, उनकी दोस्ती गहरी होती चली गई. रोबर्ट ने प्रियंका के भाई राहुल गांधी से साथ भी दोस्ती की. फिर कुछ साल बाद रोबर्ट ने प्रियंका को शादी के लिए प्रस्ताव दिया. उस समय रोबर्ट वाड्रा दिल्ली में एक प्रसिद्ध व्यवसायी थे. प्रियंका गांधी जी ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए रोबर्ट वाड्रा से शादी कर ली. इस दंपत्ति की शादी एक पारंपरिक हिन्दू रीति – रिवाजों के रूप में हुई थी.

रोचक जानकारी (Interesting Facts)

  • प्रियंका को फोटोग्राफी का बहुत शौक है, यह शौक उन्हें उनके पिता राजीव गांधी से विरासत में मिला था, क्योकि राजीव गाँधी जी को भी फोटोग्राफी का बहुत शौक था.
  • प्रियंका बौद्ध धर्म की प्रमुख अनुयायी थी. उन्होंने विपासना के एक चिकित्सक एस एन गोयनका से इसकी शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद प्रियंका बौद्ध धर्म में परिवर्तित भी हो गई थी.
  • वे एक बेहद जिम्मेदार नागरिक और एक बहुत अच्छी आर्गेनाइजर भी हैं. वे राजनीतिक हित के मामले में अपनी माँ की मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाती है.
  • यहाँ तक कि भाषा में उनकी कमान, उनका आत्मविश्वास, उनका सम्मान और देश के लोगों की लगातार सेवा करने का उनका विश्वास भारत की महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है.

इस प्रकार प्रियंका गांधी की राजनीति में शामिल होने की इच्छा न होने के बावजूद भी वे राजनीति में शामिल हो गई है. इनके कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस के समर्थकों के बीच एक उम्मीद की किरण जागी है. इस तरह से इस साल के आम चुनाव में किसकी जीत होती हैं, यह देखने के लिए लोगों में उत्सुकता बनी हुई है.

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