ओलंपिक गेम्स में हमारे देश भारत का नाम ऊँचा करने वाली बेटियों में से एक उभरता हुआ नाम हैं प्रोफेशनल बैडमिंटन प्लेयर : पी. वी. सिंधु. वह पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने अन्तराष्ट्रीय ओलंपिक सिल्वर मैडल जीता हैं और इसी के साथ वे भारत की पांचवी महिला ओलंपिक मेडलिस्ट बन गयी हैं. आइये इनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं।
Contents
- 1 Table of contents
- 2 पी वी सिंधु का जीवन परिचय
- 3 पी. वी. सिंधु जन्म, परिवार एवं बचपन [Birth, Family and Childhood]
- 4 पी. वी. सिंधु शुरूआती प्रशिक्षण एवं कोच [Early Training and Coach]
- 5 पी. वी. सिंधु करियर [Career]
- 6 पी. वी. सिंधु टोक्यो ओलिंपिक 2021 (P V Sindhu Tokyo Olympic)
- 7 पी. वी. सिंधु राष्ट्रीय सम्मान [National]-:
- 8 पी. वी. सिंधु अन्य सम्मान [Others] -:
Table of contents
- पी वी सिंधु का जीवन परिचय
- पी. वी. सिंधु जन्म, परिवार एवं बचपन [Birth, Family and Childhood]
- पी. वी. सिंधु शुरूआती प्रशिक्षण एवं कोच [Early Training and Coach]
- पी. वी. सिंधु करियर [Career]
- पी. वी. सिंधु टोक्यो ओलिंपिक 2021 (P V Sindhu Tokyo Olympic)
- पी. वी. सिंधु राष्ट्रीय सम्मान [National]-:
- पी. वी. सिंधु अन्य सम्मान [Others] -:
पी वी सिंधु का जीवन परिचय
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम | पुसर्ला वेंकट सिंधु |
जन्म | 5 जुलाई, 1995 |
जन्म स्थान | हैदराबाद, तेलंगाना, भारत |
पिता का नाम | पी. वी. रमण [पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी] |
माता का नाम | पी. विजया [पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी] |
भाई – बहन | एक बहन – पी. वी. दिव्या |
कॉलेज | सेंट एन्न्स कॉलेज फॉर वोमेन, मेह्दीपटनम [MBA Pursuing] |
निवास | हैदराबाद, भारत |
राष्ट्रीयता [Nationality] | भारतीय |
पेशा [Profession] | अंतर्राष्ट्रीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी |
हाथ का इस्तेमाल [Handedness] | दांया हाथ [Right Hand] |
सर्वोत्तम स्थान [Highest Ranking] | 9 [13 मार्च, 2014] |
वर्तमान स्थान [Current Ranking] | 10 [7 अप्रैल, 2016] |
पी. वी. सिंधु जन्म, परिवार एवं बचपन [Birth, Family and Childhood]
पुसर्ला वेंकट सिंधु का जन्म 5 जुलाई, 1995 को हुआ। उनके पिता का नाम पी. वी. रमण हैं और उनकी माता पी. विजया हैं। उनके माता और पिता दोनों ही हमारे देश के पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं. उनकी एक बहन भी हैं, जिसका नाम पी. वी. दिव्या हैं। वर्ष 2000 में उनके पिता पी. वी. रमण को उनके खेल के लिए अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था. अतः उनकी खेल में रूचि होने का कारण तो स्पष्ट हैं कि उन्होंने अपने घर में ही इस प्रकार का माहौल देखा। परंतु वे अपने माता – पिता के खेल क्षेत्र वॉलीबॉल के प्रति आकर्षित नहीं हुई, बल्कि उन्होंने बैडमिंटन खेल को चुना। इसके पीछे यह कारण था, कि वे पुलेला गोपीचंद [Pullela Gopichand] की सफलता से बहुत प्रभावित थी, जो वर्ष 2001 में आल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन थे। तभी सिंधु ने भी मात्र 8 वर्ष की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना प्रारंभ कर दिया।
पी. वी. सिंधु शुरूआती प्रशिक्षण एवं कोच [Early Training and Coach]
सिंधु ने बैडमिंटन सीखने की शुरुआत सिकंदराबाद में इंडियन रेल्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन में मेहबूब अली की देखरेख में की। इसके बाद उन्होंने पुलेला गोपीचंद [Pullela Gopichand] की बैडमिंटन अकादमी में दाखिला लिया। उनके कोच पुलेला गोपीचंद के अनुसार, “सिंधु के व्यक्तित्व की सबसे खास बात यह हैं, कि वे कभी भी हार नहीं मानती और कोशिश करती रहती हैं.” द हिंदू के अनुसार, “कोचिंग कैंप उनके घर से 56 किलोमीटर दूर होने के बावजूद भी वे रोज समय पर आती थी, इससे उनके खेल के प्रति समर्पण का भी पता चलता हैं.”।
पी. वी. सिंधु करियर [Career]
अपनी छोटी – सी उम्र में ही सिंधु ने बड़ी सफलता हासिल की हैं. उनके करियर के बारे में वर्ष के अनुसार विवरण निम्नानुसार हैं -:
वर्ष 2009 में कोलोंबो में आयोजित सब – जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिंधु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रोंज [कांस्य] मेडलिस्ट रहीं।
वर्ष 2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज में सिंगल्स केटेगरी में उन्होंने सिल्वर मैडल जीता। इसी वर्ष मेक्सिको में आयोजित जूनियर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिंधुक्वार्टर फाइनल तक पहुँची। वर्ष 2010 में ही वे उबर कप में वे इंडियन नेशनल टीम की टीम मेम्बर भी थी।
वर्ष 2012 -:
14 जून, 2012 को जर्मनी की Juliane Schenk से इंडोनेशिया ओपन में हार का सामना करना पड़ा.
7 जुलाई, 2012 को उन्होंने जापानी खिलाड़ी Nozomi Okuhara को फाइनल में हराया और एशिया यूथ अंडर 19 चैंपियनशिप जीती।
चाइना मास्टर सुपर सीरीज़ टूर्नामेंट में लंदन 2012 में चाइना की ओलंपिक्स गोल्ड मेडलिस्ट Li Xuerui को हराकर सबको चौंका दिया।
इस वर्ष वे अपने खेल प्रदर्शन के द्वारा अपने करियर की बेस्ट रेंकिंग 15 पर पहुँच गयी थी।
वर्ष 2013 -:
इस वर्ष सिंधु ने चाइनीज़ खिलाड़ी Wang Shixian को वर्ल्ड चैंपियनशिप में हराया और भारत की वोमेन्स सिंगल की पहली मेडलिस्ट बनी। अपने बेहतरीन खल प्रदर्शन के लिए उन्हें इस वर्ष भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
वर्ष 2014 -:
Glasgow Commenwealth Games में वोमेन्स सिंगल में सेमीफाइनल स्टेज तक पहुँचने के बाद वे हार गयी। वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में लगातार 2 मैडल जीतने पर उन्होंने इतिहास रच दिया और वे ऐसी पहली भारतीय बनी।
वर्ष 2015 -:
नवंबर, 2015 में मकाऊ ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड में अपना तीसरा वोमेन्स सिंगल्स जीता।
वर्ष 2016 -:
इस वर्ष की शुरुआत में ही अर्थात् जनवरी, 2016 में मलेशिया मास्टर्स ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड वोमेन्स सिंगल जीता। प्रीमियर बैडमिंटन लीग में चेन्नई समशेर टीम की सिंधु कप्तान बनी और 5 मैच जीते और टीम को सेमीफाइनल में पहुँचाया, परन्तु यहाँ उनकी टीम देल्ही एसर्स से हार गयी। अपने क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने विश्व की नंबर 2 खिलाड़ी Wang Yihan को हराया। 18 अगस्त, 2016 को 2016 समर ओलंपिक्स में जापान की Nozomi Okuhara को वोमेन्स सिंगल में हराया। सिंधु ने सिल्वर मैडल जीता और वे देश की सबसे कम उम्र वाली मैडल विजेता खिलाड़ी बनी।
वर्ष 2017 –:
2017 में मार्च से अप्रैल के बीच इंडिया ओपन सुपर सीरीज का आयोजन दिल्ली में हुआ था। इसमें सिन्धु का मुकाबला विश्व की प्रसिध्य बैडमिंटन खिलाड़ी कैरोलिना से हुआ था, सिन्धु ने उनको हराकर नया इतिहास रच दिया था। अगस्त 2017 में बीडब्लूऍफ़ विश्व चैंपियनशिप का आयोजन स्कॉटलैंड में हुआ था, यहाँ सिन्धु फाइनल तक पहुंची थी, जहाँ उनका मुकाबला जापान की नोज़ोमि ओकुहारा से हुआ था। सिन्धु को यहाँ हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें सिल्वर मैडल मिला था। 2017 में ही कोरिया में कोरिया ओपन सुपर सीरीज हुई थी, जिसमें एक बार फिर सिन्धु का सामना जापान की ओकुहारा से हुआ था। यहाँ सिन्धु ने अपनी पुरानी हार का बदला लेते हुए ओकुहारा को फाइनल में हरा दिया था। इसके साथ ही सिंधु पहली भारतीय महिला बन गई थी, जिन्होंने कोरिया ओपन में जीत हासिल की थी। अगस्त 2017 में सिन्धु को आंध्र प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग के तहत मुख्य आयुक्त कार्यालय में कृष्णा जिले में डिप्टी कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। सिन्धु के लिए यह बड़ी उपलब्धि थी। 2017 के अंत में दुबई विश्व सुपर सीरीज आयोजित हुई थी, जिसमें सिन्धु फाइनल तक गई और उनका मुकाबला जापान की अकाने यामागुची से हुआ था। इसमें भी सिन्धु को सिल्वर मैडल के साथ संतोष करना पड़ा था।
वर्ष 2018 –:
2018 में इंग्लैंड में बहुचर्चित आल इंग्लैंड ओपन का आयोजन हुआ था। यहाँ सिन्धु का मुकाबला विश्व की तीसरे स्थान की बैडमिंटन खिलाड़ी अकाने यामागुची से हुआ था। इनसे हारने के बाद सिन्धु को विश्व की चौथे नंबर के खिलाड़ी का स्थान मिला था। लोगों का मानना था, कि ऑल इंग्लैंड ओपन चैंपियनशिप में सिंधु का अभी तक का वह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
सिंधु ने गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) में भाग किया था। सिन्धु ने मिक्स्ड टीम इवेंट में भाग लेकर गोल्ड मैडल जीता था, इसके साथ ही महिला एकल में उन्हें सिल्वर मैडल मिला था। 2018 में सिन्धु ने विश्व चैंपियनशिप में भाग लेकर लगातार दूसरी बार सिल्वर मैडल जीता था। सिन्धु का यह विश्व चैंपियनशिप में चौथा मैडल था। दिसम्बर 2018 में चाइना में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था। साल 2018 के आखिरी बैडमिंटन सीरीज में सिन्धु ने यह फाइनल मुकाबला जीत लिया था. सिन्धु यह टूर्नामेंट जीतने वाली पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी थी, इसके साथ ही इन्होंने इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज करा लिया था.2018 में सिन्धु को प्रसिद्ध मैगजीन फ़ोर्ब्स ने कमाई के आधार पर “हाइएस्ट-पेड फीमेल एथलीट 2018″ की सूची में सातवां स्थान दिया था। 2018 के एशियन गेम्स में सिन्धु का फाइनल मुकाबला जकार्ता की ताई त्ज़ु-यिंग से हुआ था, जिनसे वो हार गई थी। ओलंपिक में सिल्वर मैडल जीत चुकी पीवी सिंधु ने, सीजन-एंड बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल में गोल्ड प्राप्त कर, सभी भारतियों को सर ऊँचा कर दिया था। वे यह जीतने वाली पहली भारतीय महिला थी।
वर्ष 2019 -:
2019 की शुरुवात में ही भारत में पीबीएल का आयोजन हुआ था, जहाँ सिन्धु को नीलामी के दौरान हैदराबाद हन्टर्स ने खरीदा था। सिन्धु इस पूरी सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था, वे सेमीफाइनल तक पहुँच गई थी। यहाँ उनका मुकाबला मुंबई रॉकेट्स से हुआ था, जिनसे उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2019 की शुरुआत में पहला बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय मैच इंडोनेशिया मास्टर ओपन है। जिसमें सिंधु क्वार्टर फाइनल तक पहुँच भी गई। लेकिन यहाँ उनकी प्रतिस्पर्धा स्पेन की गोल्ड मेडलिस्ट कैरोलिना मारिन से हुआ, जहाँ मारिन के मास्टर स्ट्रोक के सामने सिन्धु टिक नहीं पाई और उन्हें इंडोनेशिया मास्टर से बाहर होना पड़ा। सिन्धु ने इस खेल के लिए विशेष तैयारी की है, उनकी इच्छा है कि उनके 2019 की शुरुआत इंडोनेशिया ओपन ख़िताब के साथ हो।
पी. वी. सिंधु टोक्यो ओलिंपिक 2021 (P V Sindhu Tokyo Olympic)
पीवी सिन्धु ने आज के क्वार्टरफाइनल मैच में जापान की अकाने यामागुची को 2-0 से हराकर जीत हासिल की है। इस जीत के बाद अब पी वी सिन्धु सेमी फाइनल में पहुँच गई है पीवी सिंधु पिछले ओलिंपिक जोकि रियो में हुआ था। वहां पर सिल्वर मैडल जीतने के बाद इस साल भी यानि 2021 में आयोजित टोक्यो ओलिंपिक में पीवी सिंधु ने हिस्सा लिया है। इस साल भी वे दोगुने जोश के साथ अपना शानदार प्रदर्शन कर रही है। पहला मैच इनका 25 जुलाई को इज़राइल की क्सेनिया पोलिकर्पोवा के साथ था, इसके बाद अगला मैच होन्ग कोंग की चेउंग नगन यी के साथ था. ये दोनों में ही सिन्धु ने जीत हासिल की। इसी शानदार प्रदर्शन के चलते पीवी सिन्धु आज क्वार्टरफाइनल में पहुँच गई है. जी हां उन्होंने Mia Blichfeldt को प्री – क्वार्टर में हराकर क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह बना ली है. यह मैच उन्होंने 21-15 से जीता।
हार के बाद कांस्य पदक के लिए हुए मैच को जीत कर सिंधु ने भारत के लिए दूसरा पदक हासिल किया।
पी. वी. सिंधु राष्ट्रीय सम्मान [National]-:
- पद्म श्री, द यूथ हाईएस्ट सिविलियन अवार्ड ऑफ़ इंडिया [वर्ष 2015],
- अर्जुन अवार्ड [2013]
- सन 2016 में सिन्धु बैडमिंटन खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए के लिए राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
पी. वी. सिंधु अन्य सम्मान [Others] -:
- FICCI ब्रेकथ्रू स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द ईयर 2014,
- NDTV इंडियन ऑफ़ द ईयर 2014,
- वर्ष 2015 में मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ओर से 10 लाख रूपये दिए गये।
- वर्ष 2016 में मलेशिया मास्टर्स में जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ओर से 5 लाख रूपये दिए गये (वर्ष 2016 के रिओ ओलंपिक में जीतने पर)।
- ओलंपिक पार्टिसिपेंट के रूप में क्वालीफाई करने पर अभिनेता सल्मान खान की ओर से 1.01 लाख रूपये प्रदान किये गये।