भारतीय सिनेमा में ट्रेजडी किंग नाम से मशहुर दिलीप कुमार एक महान लोकप्रिय अभिनेता है। दुखद सीन में अपनी मार्मिक एक्टिंग से सबके दिल को छु लेने की वजह से इन्हें ट्रेजडी किंग कहा गया। जन्म से उनका नाम मोहम्मद युसूफ खान था, हिंदी सिनेमा में आने के बाद इन्होंने अपना नाम दिलीप कुमार रख लिया। दिलीप कुमार जी एक प्रतिष्ठित अभिनेता है, जिन्होंने हिंदी सिनेमा जगत में 5 दशक की लम्बी पारी खेली है. भारतीय सिनेमा के गोल्डन एरा के समय के ये एक अग्रिम अभिनेता रहे है। दिलीप कुमार जी ने बॉलीवुड में 1940 में कदम रखा था, उस समय हिंदी सिनेमा अपने शुरुआती दौर में था, उस समय ना ज्यादा एक्टर हुआ करते थे, ना फिल्म बनाने वाले डायरेक्टर। देश की आजादी के पहले फिल्म देखने वाला दर्शक वर्ग भी काफी सीमित था।
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बिंदु (Points) | जानकारी (Informations) |
नाम | मुहम्मद यूसुफ खान |
करियर नाम | दिलीप कुमार |
जन्म | 11 दिसंबर 1922 |
जन्म स्थान | पेशावर उत्तर-पश्चिम प्रोविंस, ब्रिटिश इंडिया |
पिता का नाम | लाला गुलाम सर्वर |
माता का नाम | आयशा बेगम |
भाई | नासिर खान (फिल्म एक्टर), एहसान खान, असलम खान, नूर मोहम्मद, अयुब सरबार |
बहनें | फौजिया खान, सकीना खान ताज खान, फरीदा खान, सईदा खान, अख्तर आसिफ |
पत्नी का नाम | सायरा बानो, आसमा रहमान |
उम्र | 98 वर्ष |
निधन | 7 जुलाई 2021 |
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा । Early life and Education:
दिलीप कुमार जी का जन्म पाकिस्तान के पेशावर में लाला गुलाम के यहाँ हुआ था। इनके 12 भाई बहन थे। इनके पिता फल बेचा करते थे, व अपने मकान का कुछ हिस्सा किराये में देकर जीवनयापन करते थे। 1930 में इनका पूरा परिवार बॉम्बे में आकर रहने लगा। 1940 में अपने पिता से मतभेद के चलते उन्होंने मुंबई वाले घर को छोड़ दिया और पुणे चले गए। यहाँ उनकी मुलाकात एक कैंटीन के मालिक ताज मोहम्मद शाह से हुई, जिनकी मदद से उन्होंने आर्मी क्लब में एक सैंडविच का स्टाल लगा लिया। कैंटीन का कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म होने के बाद दिलीप जी 5000 की सेविंग के साथ वापस अपने घर बॉम्बे लौट आये। इसके बाद अपने पिता की आर्थिक मदद करने के लिए दिलीप जी नया काम तलाशने लगे।
दिलीप जी कहां तक पढे है, ये कभी कॉलेज गए या नहीं इस बात की जानकारी किसी के पास नहीं है। पर कहां जाता है कि कुमार साहब ने अपनी स्कूल की पढाई नासिक के पास के किसी स्कूल से की थी, फिर इनका परिवार बॉम्बे आकर बस गया।
वैवाहिक जीवन । Married Life:
साल उन्नीस सौ छाछठ में इन्होने फिल्म इंडस्ट्री की बेहद खूबसूरत और मशहूर अदाकारा सायरा जी से निकाह किया। इन दोनों के बीच उम्र का अंतर उस समय चर्चा का विषय बना। कहां जाता है कि यह कपल बॉलीवुड का हसीन जोड़ा है, जिनके मध्य प्यार की कोई कमी नहीं थी। इतने प्यार के बावजूद भी इंडस्ट्री के इस ट्रेजेडी किंग ने बच्चे की चाह में दौबारा ब्याह रचाया। उनकी यह शादी आसमा रहमान जी के साथ 1980 में हुई थी, परंतु उनका यह विवाह केवल 2 वर्ष चल पाया और दोनों अलग हो गए।
फिल्मी करियर । Film Career:
इस फील्ड में आने का मौका उन्हें भाग्य ने दिया 1943 में चर्चगेट स्टेशन में इनकी मुलाकात डॉ मसानी से हुई, जिन्होंने उन्हें बॉम्बे टॉकीज में काम करने का ऑफर दिया। फिर इसके बाद इनकी मुलाकात बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी से हुई, जिनके साथ उन्होंने 1250 रूपए सालाना का अग्रीमेंट कर लिया। यहाँ महान अभिनेता अशोक कुमार जी से इनका परिचय हुआ, जो दिलीप जी की एक्टिंग से बहुत मोहित हुए। शुरुआत में दिलीप जी कहानी व स्क्रिप्ट लेखन में मदद किया करते थे, क्योंकि उर्दू व हिंदी भाषा में इनकी अच्छी पकड़ थी। देविका रानी के कहने पर ही दिलीप जी ने अपना नाम युसूफ से दिलीप रखा था। जिसके बाद 1944 में उन्हें फिल्म में लीड एक्टर का रोल मिला, हालांकि यह फिल्म फ्लॉप रही पर इसके जरिये दिलीप जी की सिनेमा मे एंट्री हो चुकी थी।
अपनी पहली फिल्म के बाद दिलीप जी ने जुगनू नामक फिल्म में काम किया, जो बड़े पर्दे पर सफल साबित हुई। और इसके बाद ये रातो रात स्टार बन गए, इनके पास फिल्मों के ऑफर्स की लाइन लग गई। 1949 में दिलीप जी को राज कपूर व नर्गिस के साथ अंदाज फिल्म में काम करने का मौका मिला, ये उस समय की सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म बन गई। 1950 का दशक हिंदी सिनेमा के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ। इस समय दिलीप जी की ट्रेजडी किंग की छवि धीरे धीरे लोगों के सामने उभरकर आने लगी थी. जोगन, दीदार व दाग जैसी फिल्मों के बाद से ही लोग इन्हें ट्रेजडी किंग बोलने लगे थे। दाग फिल्म के लिए इन्हें पहली बार फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड भी मिला। इसके बाद देवदास जैसी महान फिल्म दिलीप जी ने वैजयंतिमाला व सुचित्रा सेन के साथ की थी। शराबी लवर का ये रोल दिलीप जी ने शिद्दत से निभाया था, जिसमें सबने उन्हें ट्रेजिक लवर का ख़िताब दिया। ट्रेजडी रोल के अलावा दिलीप जी ने कुछ हलके रोल भी किये थे, आन व आजाद जैसी फिल्मों में उन्होंने कॉमेडी भी की थी। 50 के दशक में स्टार के तौर पर स्थापित होने के बाद दिलीप जी ने 1960 में कोहिनूर फिल्म की जिसमें उन्हें फिल्म फिल्मफेयर अवार्ड मिला। 60 के दशक में अपने भाई नासिर खान के साथ गंगा जमुना सरस्वती नामक फिल्म में काम किया, हालांकि यह फिल्म बड़े पर्दे पर असफल रही, परंतु इसने दिलीप जी की इमेज पर कोई बुरा प्रभाव नहीं डाला।
लगभग 2 दशक तक सिनेमा में राज करने के बाद 70 के दशक में जब अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना जैसे कलाकारो की एंट्री हिन्दी सिनेमा में हुई, तो इन्हे फिल्मों के ऑफर मिलना कम हो गए थे। इस समय दिलीप जी की जो फिल्में आई वो भी असफल रही। इसके बाद दिलीप जी ने 5 सालों तक का लम्बा ब्रेक ले लिया और 1981 में मल्टी स्टारर ‘क्रांति’ फिल्म से धमाकेदार वापसी की। इसके बाद से इन्होने अपनी उम्र के हिसाब से रोल का चुनाव किया, वे परिवार के बड़े या पुलिस वाले के रोल लेने लगे. दिलीप जी की आखिरी बड़ी हिट फिल्म रही 1991 की फिल्म ‘सौदागर’। दिलीप जी आखिरी बार 1998 में फिल्म ‘किला’ में नजर आये और इसके बाद इन्होने अभिनेता के रूप में फिल्म इंडस्ट्री से सन्यास ले लिया।
पुरस्कार और उपलब्धियां । Awards and Achievements:
- 1991 में दिलीप जी को देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- 1993 में दिलीप जी को फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
- 1994 में उनको भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- 1998 में दिलीप जी को पाकिस्तान सरकार के द्वारा सर्वोच्च नागरिक पुरुस्कार निशान ए पाकिस्तान से सम्मानित किया गया। ये दुसरे भारतीय थे, जिन्हें ये सम्मान मिला था, इसके पहले देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को ये सम्मान मिला था।
- दिलीप जी का नाम सबसे अधिक अवार्ड पाने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है।
निधन । Death:
फिल्म जगत के जाने-माने एक्टर दिलीप कुमार जी का निधन 7 जुलाई 2021 को हुआ कई बार इनकी मृत्यु की अफवाह देशभर में फैली पर इस टैलेंटेड व्यक्ति ने 98 की आयु में इस दुनिया को विदा कर दिया काफी समय से बीमार थे और कई बार अस्पताल में एडमिट होने के बाद आज दिलीप साहब हम सभी को अलविदा कह कर चले गए। बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली। शाम 5 बजे जुहू बीच में उनका अंतिम संस्कार किया गया। दिलीप कुमार जी की पत्नी सायरा बनो से मिलने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी चीफ शरद पवार एवं अभिनेता शाहरुख़ खान पहुंचे। अंतिम संस्कार ने कई सेलेब्रेटीज उन्हें श्रद्दांजलि देने पहुंचे थे।