कैप्टन अमरिंदर सिंह का जीवन परिचय|Captain Amarinder Singh biography in hindi

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कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय राजनीति में बहुचर्चित नामों में एक हैं. ये भारत की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी इंडिया नेशनल कांग्रेस में हैं. इस समय हाल ही में इन्होने पंजाब के छब्बीसवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया. इन्होंने इस साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में पटियाला सीट से चुनाव जीता. पंजाब की राजनीति में इन्होने अपना इतिहास बना दिया. इनकी पार्टी ने पंजाब के 117 विधान सभा सीटों में से कुल 77 सीटें जीतकर बहुतमत हासिल की. हाल में पंजाब के मुख्यमंत्री होने के साथ- साथ ये इंडियन नेशनल कांग्रेस के पंजाब कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. ये पहले भी एक बार सन 2002 से सन 2007 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

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कैप्टन अमरिंदर सिंह का जन्म और शिक्षा (Capt Amarinder singh education)

कैप्टन अमरिंदर सिंह का जन्म 11 मार्च 1942 को पंजाब के पटियाला शहर में हुआ. इनके पिता यादविंद्र सिंह पटियाला जी ने स्टेट पुलिस में इंस्पेक्टर जनरल की हैसियत से काम किया, और दुसरे विश्व युद्ध के समय इटली और वर्मा भी गये. इनकी माता का नाम का नाम महारानी मोहिंदर कौर था. इसकी पढाई वेल्हम बॉयज स्कूल और लॉरेन्स स्कूल सनावर से हुई.

कैप्टन अमरिंदर सिंह का परिवार (Capt Amarinder singh family)

इनकी पत्नी का नाम प्रेनीत कौर है, जो लोकसभा सांसद रह चुकी हैं, और साल 2009- 2014 के समय में भारत सरकार मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स में काम भी कर चुकी हैं. इनकी बहन हेमिंदर कौर की शादी भूतपूर्व फॉरेन मिनिस्टर के. नटवर सिंह से हुई. ये कुछ समय तक शिरोमणि अकाली दल से भी जुड़े हुए थे. अकाली दल के सुप्रीमो और भूतपूर्व आईपीएस ऑफिसर सिमरनजीत मन की पत्नी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी दोनों बहने हैं. इनका एक बेटा रनिंदर सिंह और एक बेटी जय इन्दर सिंह है, जिसकी शादी दिल्ली के व्यापारी गुरपाल सिंह से हुई है.

कैप्टन अमरिंदर सिंह का आर्मी करियर (Amarinder singh army)

अपनी स्कूली पढाई करने के बाद इन्होने देहरादून के दून स्कूल की ओर रुख किया, और वहाँ से आगे की पढाई की. कालांतर में इन्होने नेशनल डिफेन्स अकादमी और इंडियन मिलिट्री स्कूल ज्वाइन किया. सन 1963 ई में ये नेशनल डिफेन्स अकादमी और इंडियन मिलिट्री अकादमी से स्नातक करने के बाद इन्होने भारतीय आर्मी ज्वाइन की. इन्होने सन 1965 में भारत- पाक युद्ध में योगदान दिया, जहाँ वे सिक्ख रेजिमेंट के कैप्टन थे.

कैप्टन अमरिंदर सिंह का राजनैतिक करियर (Captain Amarinder singh political career)

भारत में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी स्कूल में इनके मित्र थे. राजीव गाँधी ने पहली बार सन 1980 में लोकसभा चुनाव जीता. कैप्टन अमरिंदर सिंह को राजनैतिक गलियारों की तरफ राजीव गाँधी ही लाये. उन्होंने इन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल किया. सन 1984 में इन्होने तात्कालिक भारतीय प्रधानमंत्री के ऑपरेशन ब्लू स्टार के आर्मी एक्शन के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया. उसके तुरंत बाद वे पंजाब की आंचलिक राजनैतिक पार्टी अकाली दल से जुड़े और तलवंडी विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर अपना राजनैतिक करियर आगे बढ़ाया. अकाली दल से चुनाव जीतने के बाद वे पंजाब सरकार के एग्रीकल्चर और फारेस्ट मिनिस्ट्री में थे.

सन 1992 में उन्होंने अकाली दल छोड़ दिया और तुरंत अपनी एक पार्टी शिरोमणि अकाली दल बनायी. ये पार्टी कुछ ख़ास न कर सकी और आगामी विधानसभा में बुरी तरह पिट गयी. स्वयं कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने चुनाव क्षेत्र से सिर्फ 856 वोट ही पा सके. अपनी इस हार से त्रस्त होकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पार्टी को सन 1998 में कांग्रेस के साथ मिला दिया. इसके बाद उन्हें इसी साल पटियाला से ही पुनः हार मिली. इस बार वे प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा से हारे थे. इसके बाद उन्हें कांग्रेस के पंजाब प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया गया. पहली बार वे सन 1999 से 2002 तक पंजाब प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष रहे. सन 2002 में वे पंजाब के मुख्यमंत्री भी बने. उसके बाद सन 2010 से सन 2013 तक वे पुनः पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे.सितम्बर 2008 में पंजाब विधानसभा की एक स्पेशल कमेटी ने इन्हे विधानसभा से निष्काषित किया. इसकी वजह ये थी कि अमृतसर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के नाम की ज़मीनों में इनके द्वारा की गयी अनियमितताएँ थीं.

इन्हें सन 2008 में पंजाब कांग्रेस कैंपेन का चेयरमैन नियुक्त किया गया. सन 2013 तक कांग्रेस वर्किंग कमिटी में इन्हें लगातर बुलाया जाता रहा. सन 2014 को हुए लोकसभा चुनाव में इन्होने भाजपा उमीदवार और तात्कालिक वित्त मंत्री को लगभग एक लाख वोटों से हराया. इसके अलावा ये पंजाब विधानसभा में पांच बार सदस्य रहे, जिसमे तीन बार पटियाला एक बार समाना और एक बार तलवंडी सोबो से चुनाव जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे.

27 नवम्बर 2015 में कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के हाथ में 2017 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की बागडोर सँभालने दी. 11 मार्च 2017 में कांग्रेस पार्टी ने इनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव जीता. 16 मार्च 2017 को इन्होने पंजाब के छब्बीसवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.

कैप्टन अमरिंदर सिंह की आल इंडिया जट महासभा (Capt Amarinder singh jat mahasabha)

कैप्टन अमरिंदर सिंह आल इंडिया जट महासभा में पिछले तीस साल से जुड़े है. तत्काल समय में ये यहाँ के अध्यक्ष हैं. इस संस्था की तरफ से उन्होने कई बार ओबीसी तथा जट समुदाय के लिए आरक्षण की मांग की है.

कैप्टन अमरिंदर सिंह की किताबें (Capt Amrinder singh books)

कैप्टन अमरिंदर सिंह राजनीति के साथ लेखन कार्य भी करते हैं, जहाँ वे अपने अनुभवों को लिखने की कोशिश करते हैं. इन्होने युद्ध और सिख इतिहास के विषय में बहुत कुछ लिखा है. जिसमें ए रिज टू फार, लेस्ट वी फॉरगेट, द लास्ट सनसेट: राइज एंड फाल ऑफ़ लाहौर दरबार, द सिख्स इन ब्रिटेन: 150 इयर्स ऑफ़ फोटोग्राफ आदि प्रमुख हैं. इसके अलावा तात्कालिक समय में ‘ऑनर एंड फिदिलिटी: महान युद्ध सन 1914 – 1918 में भारत का सैन्य योगदान’ 6 दिसम्बर 2016 को चंडीगढ़ में लोकार्पित हुआ.

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