महादेव गोविंद रानाडे का जीवन परिचय | Mahadev Govind Ranade Biography in Hindi

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महादेव गोविंद रानाडे का जीवन परिचय | Mahadev Govind Ranade Biography, Birth, Education, Life, Death, Role in Independence in Hindi

दोस्तों, आज के इस लेख में हम महादेव गोविन्द रानाडे का जीवन परिचय बताने जा रहे है. महादेव गोविन्द रानाडे को ‘महाराष्ट्र का सुकरात’ भी कहा जाता है. भारतीय समाज में सामाजिक तथा धार्मिक बदलाव लाने के महान कार्य केलिए वे जाने जाते है. तो आइये शुरुआत करते है –

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नाम महादेव गोविंद रानाडे
उपनाम महाराष्ट्र के सुकरात
जन्मतिथि 18 जनवरी, 1842
जन्मस्थान निफाड, नाशिक, महाराष्ट्र
धर्म हिन्दू
राष्ट्रीयता भारतीय
जातिब्राम्हण
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महादेव गोविन्द रानाडे का जन्म 18 जनवरी, 1842 को महाराष्ट्र में नासिक जिले के निफाड़ नामक स्थान पर हुआ. वे एक कट्टर ब्राह्मण परिवार से थे. उन्होंने अपने बचपन में ज्यादा तर समय कोल्हापुर में बिताया क्योकि, उनके पिताजी वहा मंत्री के रूप में कार्यरत थे.

उन्होंने महज 14 साल की उम्र में बॉम्बे के एल्फिन्सटन कॉलेज से पढ़ाई प्रारंभ की. उन्होंने बी.ए और एल.एल.बी में स्नातक किया और प्रथम स्थान पर पास हुए.पढाई के बाद इन्हें बम्बई प्रेसीडेंसी मैजिस्ट्रेट, मुंबई स्मॉल कौज़ेज़ कोर्ट के चतुर्थ न्यायाधीश, प्रथम श्रेणी उप-न्यायाधीश, पुणे में 1873 में नियुक्त किया गया. 1885 से वे उच्च न्यायालय से जुड़ गए. फिर 1893 में इन्हे मुंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया.रानाडे की प्रथम पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने रमाबाई से विवाह किया. विवाह के बाद अपनी निरक्षर पत्नी को उन्होंने शिक्षित किया.

सामाजिक तथा धार्मिक सुधारना | Mahadev Govind Ranade Social and Religious Reforms

31 मार्च 1867 को बॉम्बे में प्रार्थना समाज की स्थापना की गई, इस संगठन की शुरुआत अत्माराम पांडुरंग, बाल मंगेश वाग्ले, अबाजी मोदक तथा रानाडे द्वारा की गई थी.यह समाज मूलतः महाराष्ट्र में धार्मिक सुधार लाने केलिए बनाया गया था. उस समय भारतीय समाज में कई कुप्रथाओं को माना जाता था जिसमे विवाह, विधवा मुंडन, दहेज़,सागरपार यात्रा आदि. उन्होंने विधवा पुनर्विवाह और स्त्री शिक्षण केलिए खुप कार्य किये है.रानाडे ने सामजिक कुप्रथाओं का नाश करने केलिए सोशल कांफ्रेंस मूवमेंट की स्थापना की.

राजनितिक जीवन | Mahadev Govind Ranade Political Life

राणाडे ने पुणे सार्वजनिक सभा की स्थापना की. बाद में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने और संस्थापकों में से एक बने. वे गोपाल कृष्ण गोखले के बड़े ही विश्वसनीय सलाहगार थे. इनकी सोच हमेशा बाल गंगाधर तिलक से अलग थी. वे हमेशा तिलक जी के विरुद्ध में बोला करते थे.

मृत्यु | Mahadev Govind Ranade Death

महादेव गोविन्द रानाडे की मृत्यु 16 जनवरी 1901 को हुई.

FAQ

प्रश्न: महादेव गोविन्द रानाडे का जन्म कब हुआ ?

उत्तर: 18 जनवरी, 1842

प्रश्न: महादेव गोविन्द रानाडे का जन्म कहां हुआ ?

उत्तर: निफाड, नाशिक, महाराष्ट्र

प्रश्न: महादेव गोविन्द रानाडे की मृत्यु कब हुई ?

उत्तर: 16 जनवरी 1901

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